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बृहस्पति ग्रह: ज्योतिष और जीवन में इसका महत्व

बृहस्पति ग्रह, जिसे गुरु के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह नवग्रहों में सबसे अधिक नैसर्गिक शुभ ग्रह माना जाता है और इसे ग्रहों के मंत्री-मंडल में मंत्री का पद प्राप्त है। बृहस्पति के प्रभाव और इसके गुणों को समझना हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं में इसका महत्व दर्शाता है। आइए, बृहस्पति ग्रह के बारे में विस्तार से जानते हैं।

बृहस्पति का स्वरूप और विशेषताएँ

बृहस्पति का रंग सोने जैसा चमकदार होता है और इसकी आँखें पीली होती हैं। इसका शरीर लम्बा और मजबूत होता है। बृहस्पति की छाती पुष्ट और चौड़ी होती है, और इसके बड़े उदर को इसकी पहचान के रूप में जाना जाता है। यह ग्रह सुंदर वाणी का धनी, चतुर और विद्वान होता है। बृहस्पति एक कफ प्रधान पुरुष ग्रह है और इसे धन और संतान का कारक माना जाता है।

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ज्योतिष में बृहस्पति का स्थान

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, कुंडली में बृहस्पति का विशेष महत्व है। यदि यह लग्न में स्थित होता है, तो यह सवा लाख दोषों को दूर करने की शक्ति रखता है। जिस भाव पर बृहस्पति की दृष्टि पड़ती है, उस भाव के शुभ फलों में वृद्धि होती है। बृहस्पति एक वृद्व और सात्विक ग्रह है, जो हेमंत ऋतु का अधिपति और ईशान कोण का स्वामी होता है। इसका वर्ण ब्राह्मण है और यह मधुर रस तथा धातु में सोने का प्रतिनिधित्व करता है।

बृहस्पति की राशियों में स्थिति

बृहस्पति धनु और मीन राशियों का स्वामी है। धनु राशि में 0° से 10° तक यह मूल त्रिकोण का फल देता है, जबकि 10° से 30° तक यह स्वराशि का फल प्रदान करता है। कर्क राशि में बृहस्पति 5° पर परम उच्च और मकर राशि में 5° पर परम नीच माना जाता है। इसके मित्र ग्रह सूर्य, चंद्र और मंगल हैं, जबकि बुध और शुक्र इसके शत्रु हैं। शनि इसके सम ग्रह के रूप में माने जाते हैं।

बृहस्पति के नक्षत्र और रत्न

बृहस्पति पुनर्वसु, विशाखा और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्रों का स्वामी होता है। गुरु का रत्न पुखराज होता है, जो बृहस्पति की ऊर्जा को संतुलित करने और जीवन में समृद्धि लाने के लिए धारण किया जाता है। बृहस्पति की महादशा 16 साल की होती है, जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है। चन्द्रमा के साथ मिलकर यह गजकेसरी योग बनाता है, जो व्यक्ति को विशेष सफलता और प्रतिष्ठा प्रदान करता है।

निष्कर्ष

बृहस्पति ग्रह का हमारे जीवन में व्यापक प्रभाव होता है। इसके शुभ और सकारात्मक गुण हमारे जीवन को समृद्ध और सफल बनाने में मदद करते हैं। ज्योतिष में इसकी स्थिति और प्रभाव को समझना आवश्यक है, ताकि हम इसके लाभकारी फलों का अधिकतम उपयोग कर सकें। बृहस्पति के गुणों और इसके महत्व को समझकर हम अपने जीवन में इसके सकारात्मक प्रभावों को बढ़ा सकते हैं।

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